कलम टूट गई फिर भी लिखाई मेरी जाती नही है किस्मत र | हिंदी शायरी

"कलम टूट गई फिर भी लिखाई मेरी जाती नही है किस्मत रूठ गई मुझसे, मुझे रोता देख हसाने वो आती नही है उसे पसंद है अब किसी और का घर, तबाह करने को मेरे दिल के मकान में उसका कोई किराया बाकी नही है ©amar"

 कलम टूट गई फिर भी 
लिखाई मेरी जाती नही है
किस्मत रूठ गई मुझसे, मुझे रोता 
देख हसाने वो आती नही है

उसे पसंद है अब किसी और 
का घर, तबाह करने को
मेरे दिल के मकान में उसका 
कोई किराया बाकी नही है

©amar

कलम टूट गई फिर भी लिखाई मेरी जाती नही है किस्मत रूठ गई मुझसे, मुझे रोता देख हसाने वो आती नही है उसे पसंद है अब किसी और का घर, तबाह करने को मेरे दिल के मकान में उसका कोई किराया बाकी नही है ©amar

#Soul

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