White रात मे जल्दी सोना, सुबह को जल्दी उठना उठ के | हिंदी कविता

"White रात मे जल्दी सोना, सुबह को जल्दी उठना उठ के पढ़ाई karna, पढ़ाई करके के तैयारी करना सुबह जल्दी करते करते, फिर भी देर हो जाना स्कूल देर से पहुचना बहुत याद आता है उस ज़माने के लोग, लोगों से दोस्ती करना दोस्तों से मिल के, खूब शैतानी करना यू बचपन मे शैतानी करना बहुत याद आता है Padhai उस ज़माने की, मिल के साथ पढ़ना यू गलतिया करने पे, टीचर से मार खाना बहुत याद आता है यू बारिशों मे छुट्टी होना, भीगते हुए घर को जाना घर मे बीमार par जाना बहुत याद आता है यू क्लास मे देर तक लिखना, लिख के थक जाना थक के एक हाथ से दूसरे हाथ को दबाना बहुत याद आता है गर्मियों मे ऊब जाना ऊब kar छुट्टियों का इंतजार करना Chhutiya हो जाने पे, यू शोर करके घर को जाना बहुत याद आता है दोस्तों का हसना, उनका मुस्कराना फूल झाड़ियां उनके ओठों की बहुत याद आती है गर्मियों मे छुट्टियों का बेसब्री से इंतजार करना गर्मियों मे कहा घूमना, पहले से ही सोचना Exam हों जाने पर बेबोझ अनुभव करना बहत याद आता है,,,,,, यादे,,,,, By स्वाती srivastava ©srivastava"

 White रात मे जल्दी सोना, सुबह को जल्दी उठना
उठ के पढ़ाई karna, पढ़ाई करके के तैयारी करना
सुबह जल्दी करते करते, फिर भी देर हो जाना
स्कूल देर से पहुचना
बहुत याद आता है
उस ज़माने के लोग, लोगों से दोस्ती करना 
दोस्तों से मिल के, खूब शैतानी करना 
यू बचपन मे शैतानी करना 
बहुत याद आता है 
Padhai उस ज़माने की, मिल के साथ पढ़ना
यू गलतिया करने पे, टीचर से मार खाना 
बहुत याद आता है 
यू बारिशों मे छुट्टी होना, भीगते हुए घर को जाना 
घर मे बीमार par जाना 
बहुत याद आता है 
यू क्लास मे देर तक लिखना, लिख के थक जाना 
थक के एक हाथ से दूसरे हाथ को दबाना 
बहुत याद आता है 
गर्मियों मे ऊब जाना 
ऊब kar छुट्टियों का इंतजार करना 
Chhutiya हो जाने पे, यू शोर करके घर को जाना 
बहुत याद आता है 
दोस्तों का हसना, उनका मुस्कराना 
फूल झाड़ियां उनके ओठों की 
बहुत याद आती है 
गर्मियों मे छुट्टियों का बेसब्री से इंतजार करना 
गर्मियों मे कहा घूमना, पहले से ही सोचना 
Exam हों जाने पर बेबोझ अनुभव करना 
बहत याद आता है,,,,,,
यादे,,,,, 
By 
स्वाती srivastava

©srivastava

White रात मे जल्दी सोना, सुबह को जल्दी उठना उठ के पढ़ाई karna, पढ़ाई करके के तैयारी करना सुबह जल्दी करते करते, फिर भी देर हो जाना स्कूल देर से पहुचना बहुत याद आता है उस ज़माने के लोग, लोगों से दोस्ती करना दोस्तों से मिल के, खूब शैतानी करना यू बचपन मे शैतानी करना बहुत याद आता है Padhai उस ज़माने की, मिल के साथ पढ़ना यू गलतिया करने पे, टीचर से मार खाना बहुत याद आता है यू बारिशों मे छुट्टी होना, भीगते हुए घर को जाना घर मे बीमार par जाना बहुत याद आता है यू क्लास मे देर तक लिखना, लिख के थक जाना थक के एक हाथ से दूसरे हाथ को दबाना बहुत याद आता है गर्मियों मे ऊब जाना ऊब kar छुट्टियों का इंतजार करना Chhutiya हो जाने पे, यू शोर करके घर को जाना बहुत याद आता है दोस्तों का हसना, उनका मुस्कराना फूल झाड़ियां उनके ओठों की बहुत याद आती है गर्मियों मे छुट्टियों का बेसब्री से इंतजार करना गर्मियों मे कहा घूमना, पहले से ही सोचना Exam हों जाने पर बेबोझ अनुभव करना बहत याद आता है,,,,,, यादे,,,,, By स्वाती srivastava ©srivastava

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