सपने मे अपनी मौत को करीब से देखा,
कफ़न में लिपटे तन जलते अपने शरीर को देखा...
खड़े थे लोग हाथ बांधे एक कतार में,
कुछ थे परेशान कुछ उदास थे ।
पर कुछ छुपा रहे अपनी मुस्कान थे,
दुर खड़ा देख रहा था मैं ये सारा मंजर
तभी किसी ने हाथ बढा कर मेरा हाथ थाम लिया ,
और जब देखा चेहरा उसका तो मैं बड़ा हैरान था ।
हाथ थामने वाला और कोई नहीं,
मेरा भगवान था... चेहरे पर मुस्कान और नंगे पाँव था ।
जब देखा मैंने उस की तरफ जिज्ञाशा भरी नज़रों से...
तो हँस कर बोला...
"तुने हर दिन दो घडी जपा मेरा नाम था
आज प्यारे उसका कर्ज़ चुकाने आया हूँ...
रो दिया मै अपनी बेवकूफ़ीयो पर तब ये सोच कर,
जिसको दो घडी जपा वो बचाने आया है,
और जिन मे हर घडी रमा रहा
वो शमशान पहुचाने आये है....
तभी खुली आँख मेरी बिस्तर पर विराजमान था,
कितना था नादान मैं हकीकत से अनजान था...
©@lata_bhati
#ak spna....