हम ही क्यों?
हर बार हमेशा हम ही क्यों
खुशियां हमारे हिस्से की
जाने कौन चुरा ले जाता है
हमारे हिस्से में जाने रह जाते हैं गम ही क्यों
हर बार हमेशा हम ही क्यों?
सेठ का बेटा खूब कमाए
आधा फेंके, आधा खाए
सदा भारी रहती है सेठ की थाली
हमारी थाली में सदा कम ही क्यों
हर बार हमेशा हम ही क्यों ?
सेठ के बच्चे हंसते गाते
जीवन का हर पल जी जाते हैं
पर हर बार हमारी ही आंखें नम क्यों
हर बार हमेशा हम ही क्यों ?
©Sushil Patial
हम ही क्यों?