इक आग जल रही है वो उम्र ढल रही है आग अपने ही लगात | हिंदी विचार

"इक आग जल रही है वो उम्र ढल रही है आग अपने ही लगाते हैं जिंदगी हों या लाश...... ✍️sohit parashar 25–06–2022 ©alfaj a sohit"

 इक आग जल रही है  वो उम्र ढल रही है आग अपने ही लगाते हैं
                                            जिंदगी हों या लाश......

 ✍️sohit parashar                                25–06–2022

©alfaj a sohit

इक आग जल रही है वो उम्र ढल रही है आग अपने ही लगाते हैं जिंदगी हों या लाश...... ✍️sohit parashar 25–06–2022 ©alfaj a sohit

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