"White Sunset Thoughts
स्त्री की प्रवृत्ति बिखेरने की है,
और पुरुष की समेटने की।
शायद इसलिए भी पुरुष अक्सर सुनता हुआ पाया जाता है स्त्री को।
यकीन मानिये ये बिखेरना उतना ही अहम है जितना की समेटना।
अगर अब भी यकीन न हो तो अपने खिड़की के बाहर की दुनिया को निहारिये।
कुछ चीजे समेट के बनी हैं तो कुछ बिखेर के।
और यही बात इस सृष्टि को इतना सुंदर बनाती है।
©Vishaloktiya
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