White पल्लव की डायरी ब्रह्मांड के इर्द गिर्द ,जीव | हिंदी कविता

"White पल्लव की डायरी ब्रह्मांड के इर्द गिर्द ,जीवन सब के झूले है जन्म मरण के रहस्य समझ से परे है ग्रह तारे सब चक्कर लगाते इसके संकेत भविष्य के देते है हर कर्मो का लेखा जोखा रखते है सब ओटोमेटिक है कब प्राणी चेतना छोड़ दे कब उसमे नये प्राण जन्म लेले बनावट और शरीर का निर्माण कर्मो की मति और गति से करता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव""

 White पल्लव की डायरी
ब्रह्मांड के इर्द गिर्द 
,जीवन सब के झूले है
जन्म मरण के रहस्य 
समझ से परे है
ग्रह तारे सब चक्कर लगाते इसके
संकेत भविष्य के देते है
हर कर्मो का लेखा जोखा रखते है
सब ओटोमेटिक है
कब प्राणी  चेतना छोड़ दे
कब उसमे नये प्राण जन्म लेले
बनावट और शरीर का निर्माण
कर्मो की मति और गति से करता है
                                             प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

White पल्लव की डायरी ब्रह्मांड के इर्द गिर्द ,जीवन सब के झूले है जन्म मरण के रहस्य समझ से परे है ग्रह तारे सब चक्कर लगाते इसके संकेत भविष्य के देते है हर कर्मो का लेखा जोखा रखते है सब ओटोमेटिक है कब प्राणी चेतना छोड़ दे कब उसमे नये प्राण जन्म लेले बनावट और शरीर का निर्माण कर्मो की मति और गति से करता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#Sad_Status जन्म मरण के रहस्य,समझ से परे है
#nojotohindipoetry

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