जग से हारी मैं,
कहा.. बस इतना ही कि..
मेरा ना होना ही बेहतर होगा..
तब किसी ने कहा..
बाकी सबकी जाने दो,
तुम्हारे बिना उसका क्या होगा,
सोचा है कभी...??
बस तभी एक बार फिर से
हर कुछ से लड़ कर झूझने की हिम्मत आ गई
सिर्फ इसलिए,
क्यूंकि वो मेरे साथ
मेरी ताक़त, मेरी हिम्मत,
मेरा साथी बन कर हाथ थामे साथ खड़ा हैं।
©Nandita Singh
#outofsight #nandu23