हूँ निश्चित पथ का पथिक नहीं मैं, मुझे, अनंत तक जा | हिंदी भक्ति

"हूँ निश्चित पथ का पथिक नहीं मैं, मुझे, अनंत तक जाना है। ना भान मुझे मेरे राहों का, बस, ठाना है तो जाना है। ऊँची छलांग का शौक नहीं, और ना तेजी-से दौड़ लगाना है। मन में एक विश्वास लिए, मेरे साथ में मेरे कान्हा हैं। ले जाएँ जहाँ से श्याम मेरे, आहिस्ते-आहिस्ते जाना है। ना भान मुझे मेरे राहों का, बस, ठाना है तो जाना है। 🖋️गौरव झा नितिन । ©गौरव झा नितिन"

 हूँ निश्चित पथ का पथिक नहीं मैं, 
मुझे, अनंत तक जाना है।
ना भान मुझे मेरे राहों का,
बस, ठाना है तो जाना है।

ऊँची छलांग का शौक नहीं,
और ना तेजी-से दौड़ लगाना है।
मन में एक विश्वास लिए,
मेरे साथ में मेरे कान्हा हैं।

ले जाएँ जहाँ से श्याम मेरे,
आहिस्ते-आहिस्ते जाना है। 
ना भान मुझे मेरे राहों का, 
बस, ठाना है तो जाना है।

                           🖋️गौरव झा नितिन












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©गौरव झा नितिन

हूँ निश्चित पथ का पथिक नहीं मैं, मुझे, अनंत तक जाना है। ना भान मुझे मेरे राहों का, बस, ठाना है तो जाना है। ऊँची छलांग का शौक नहीं, और ना तेजी-से दौड़ लगाना है। मन में एक विश्वास लिए, मेरे साथ में मेरे कान्हा हैं। ले जाएँ जहाँ से श्याम मेरे, आहिस्ते-आहिस्ते जाना है। ना भान मुझे मेरे राहों का, बस, ठाना है तो जाना है। 🖋️गौरव झा नितिन । ©गौरव झा नितिन

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