होली
रंग ही तो जीवन का दर्शन हैं ,
रंग ही जीवन का स्वभाव है,
हर रंग कुछ कहता है,
बिना रंगों के जीवन कितना मुश्किल है ?
कभी कल्पना करो !
हजारों रंग हैं जिंदगी के !
रंग व्यक्त करते हैं अपने उद्गार !
रंगों को समझ लें अगर हम,
तो समझना आसान हो जाता है जिंदगी को !
मनुष्य रंगों के मिश्रण से बना है शायद !
रंग ही तो प्रकृति दर्शन है ।
बिना रंगो के , अकल्पनीय है जीवन !
हर तरफ रंग बिखरे हैं ,
प्यार के रंग,भावनाओं के रंग,
उल्लास के रंग,अवसाद के रंग,
बिरह के रंग,उम्मीदों के रंग
भक्ति के रंग,श्रद्धा के रंग ,
रंगों से विमुखता ही तो अंधकार है !
रंग ही सुंदरता हैं ,
रंग ही सत्य है ,
रंगों से परिपूर्णता ही तो है समृद्धि !
रंग ही परिवर्तन हैं
कभी वसंत की तरह ,
कभी पतझड़ की तरह,
रंग विस्मययुक्त हैं अनंत की तरह,
रंग ही जीवन को बनाते हैं जीवंत,आकर्षक,
जीवन को उद्देलित करते हैं रंग ,
रंग ही तो पहचान हैं सत, रज, तम के !
रंग ही जीवन है ,
चलो ! रंगों के साथ शामिल कर दें
अपने मन को भी !
चलो होली मनायें !
सदा हंसें !सदा मुस्कराएं !
चलो होली मनाएं !
रचना- यशपाल सिंह "बादल "
©Yashpal singh gusain badal'
#Holi होली