टूटेगी और खुद ही बिखर जायेगी थकन
मंज़िल मिलेगी मुझको तो मर जायेगी थकन
नन्हे फ़रिश्ते पाँव दबाने को आएंगे
बच्चों के छोटे हाथों से डर जायेगी थकन
दिन भर की भाग दौड़ मुझे भूल जायेगी
वो मुस्कुराएगा तो उतर जायेगी थकन
हर वक़्त चलते रहने की आदत सी हो गई
आराम कर लिया तो किधर जायेगी थकन
©DrAsad Nizami
#Likho