"वेदनाओं से लिपट कर लेखनी हैं लिख रही
आँसूओं की स्याही में प्रीत वैरण दिख रही
हृदय सँजोए रखे हमेशा वो एहसास तेरा,कान्हा,
नयनों के पोर पोर से, हैं गीत तेरी बह रही ।।
✍मोहिनी"
वेदनाओं से लिपट कर लेखनी हैं लिख रही
आँसूओं की स्याही में प्रीत वैरण दिख रही
हृदय सँजोए रखे हमेशा वो एहसास तेरा,कान्हा,
नयनों के पोर पोर से, हैं गीत तेरी बह रही ।।
✍मोहिनी