जब कोई बात बिगड़ जाए और हालात संभल न पाए जब अकेले | हिंदी विचार

"जब कोई बात बिगड़ जाए और हालात संभल न पाए जब अकेले में जी घबराए और नसीब में दुःख बढ़ता जाए तो ऐसे में कोई हौसला कैसे खोए नहीं मर्द क्यों रोए नहीं.. दर्द उनको भी होता है हौसला उनका भी खोता है वो अपनी हालत किसको बताए वो अपने जज़्बात आखिर क्यूं किसी से छुपाएं.. बह जाए अगर तकलीफ़ आंसुओं में तो क्या होगा दुःख थोड़ा कम और मन हल्का तो होगा वो गम में देखो कितनी रातें सोए नहीं ऐसे में तुम ही कहो 💕 ©Kalpana Srivastava"

 जब कोई बात बिगड़ जाए 
और हालात संभल न पाए
जब अकेले में जी घबराए
और नसीब में दुःख बढ़ता जाए 
तो ऐसे में कोई हौसला कैसे खोए नहीं
मर्द क्यों रोए नहीं..
दर्द उनको भी होता है
हौसला उनका भी खोता है
वो अपनी हालत किसको बताए 
वो अपने जज़्बात आखिर क्यूं किसी से छुपाएं..
बह जाए अगर तकलीफ़ आंसुओं में तो क्या होगा
दुःख थोड़ा कम और मन हल्का तो होगा 
वो गम में देखो कितनी रातें सोए नहीं 
ऐसे में तुम ही कहो



💕

©Kalpana Srivastava

जब कोई बात बिगड़ जाए और हालात संभल न पाए जब अकेले में जी घबराए और नसीब में दुःख बढ़ता जाए तो ऐसे में कोई हौसला कैसे खोए नहीं मर्द क्यों रोए नहीं.. दर्द उनको भी होता है हौसला उनका भी खोता है वो अपनी हालत किसको बताए वो अपने जज़्बात आखिर क्यूं किसी से छुपाएं.. बह जाए अगर तकलीफ़ आंसुओं में तो क्या होगा दुःख थोड़ा कम और मन हल्का तो होगा वो गम में देखो कितनी रातें सोए नहीं ऐसे में तुम ही कहो 💕 ©Kalpana Srivastava

#मर्द

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