"खोखली तरक्की का धूंधला चश्मा"
कुदरत की नजरो से कुछ छुपता नही...
सौ सुनार की एक लौहार की आज यह कहावत है..सही
ईश्वर के न्याय मे कोई रिश्वत न चली
गरीबो के झोपडी नही अमीरो के आलिशान आशियानो मे भी नदिया बह चली..
Concrete के जंगल हमने नदियो के तट पर बना दिए..
Prime location and Premier Ammeneties के नाम भी हमने दिए
गल्ती किसकी ? गुनहगार कौन पर आज परिणाम सब ने सहे....
आज भी पुराना शहर सुरक्षित था क्योंकि पक्की नीव पर वो बना था
चार दरवाजो के बीच का पुराना घर सुरक्षित था
हाहाकार जो मचा वो new and devlope City मे ही मचा था....
Decoration को Development बताकर Smart City का यह सच सभी ने देखा
समय ये मंथन का है नयी पीढी को पीड़ित या सुरक्षित रखने का कर्तव्य किसका है?
©Yogita Harne
#rain