White सुनो न, मैं ढूंढता रहता हूं बहाने, तुम्हारे | हिंदी Quotes

"White सुनो न, मैं ढूंढता रहता हूं बहाने, तुम्हारे साथ रहने को। बहाने भी ऐसे, जैसे बच्चे मां के सामने बनाते हैं, और मां झट से पकड़ लेती है। तुम भी तो मां की तरह हो, वैसे ही डांट लगाती हो, और मां के बाद तुमने ही तो सबसे ज्यादा खयाल रखा मेरा। ये कहने में मुझे डर लगता है, कि लोगों को ये न लगे कि मैं मां की तुलना तुमसे कर रहा हूं। लेकिन, लोगों का छोड़ाे— उनका तो काम ही है कहना। हम यहां सिर्फ अपनी बात करेंगे, क्योंकि हमें पता है, तुमने अपना सर्वस्व मुझ पर लुटा दिया, जैसे पेड़ लुटा देते हैं छांव उस पथिक पर, जो उनके पास आकर बैठता है। बस, मैं चाहता हूं वो पथिक बन जाना जो अब चाहता है एक लंबा विश्राम। जो थक चुका है जिंदगी की रेस में भागते-भागते। इसीलिए, मैं ढूंढता रहता हूं तुम्हें, तुम्हारे साथ, तुम्हारे पास रहने को। तुम्हारे पास रहकर ही चैन मिलता है मुझे। मेरे लिए सुकून की पराकाष्ठा हो तुम। ©Pyare ji"

 White सुनो न,
मैं ढूंढता रहता हूं बहाने, तुम्हारे साथ रहने को।
बहाने भी ऐसे, जैसे बच्चे मां के सामने बनाते हैं,
और मां झट से पकड़ लेती है।
तुम भी तो मां की तरह हो,
वैसे ही डांट लगाती हो,
और मां के बाद तुमने ही तो
सबसे ज्यादा खयाल रखा मेरा।
ये कहने में मुझे डर लगता है,
कि लोगों को ये न लगे
कि मैं मां की तुलना तुमसे कर रहा हूं।
लेकिन, लोगों का छोड़ाे—
उनका तो काम ही है कहना।
हम यहां सिर्फ अपनी बात करेंगे,
क्योंकि हमें पता है,
तुमने अपना सर्वस्व मुझ पर लुटा दिया,
जैसे पेड़ लुटा देते हैं छांव
उस पथिक पर,
जो उनके पास आकर बैठता है।
बस, मैं चाहता हूं
वो पथिक बन जाना
जो अब चाहता है
एक लंबा विश्राम।
जो थक चुका है
जिंदगी की रेस में भागते-भागते।
इसीलिए,
मैं ढूंढता रहता हूं तुम्हें,
तुम्हारे साथ, तुम्हारे पास रहने को।
तुम्हारे पास रहकर ही
चैन मिलता है मुझे।
मेरे लिए सुकून की पराकाष्ठा हो तुम।

©Pyare ji

White सुनो न, मैं ढूंढता रहता हूं बहाने, तुम्हारे साथ रहने को। बहाने भी ऐसे, जैसे बच्चे मां के सामने बनाते हैं, और मां झट से पकड़ लेती है। तुम भी तो मां की तरह हो, वैसे ही डांट लगाती हो, और मां के बाद तुमने ही तो सबसे ज्यादा खयाल रखा मेरा। ये कहने में मुझे डर लगता है, कि लोगों को ये न लगे कि मैं मां की तुलना तुमसे कर रहा हूं। लेकिन, लोगों का छोड़ाे— उनका तो काम ही है कहना। हम यहां सिर्फ अपनी बात करेंगे, क्योंकि हमें पता है, तुमने अपना सर्वस्व मुझ पर लुटा दिया, जैसे पेड़ लुटा देते हैं छांव उस पथिक पर, जो उनके पास आकर बैठता है। बस, मैं चाहता हूं वो पथिक बन जाना जो अब चाहता है एक लंबा विश्राम। जो थक चुका है जिंदगी की रेस में भागते-भागते। इसीलिए, मैं ढूंढता रहता हूं तुम्हें, तुम्हारे साथ, तुम्हारे पास रहने को। तुम्हारे पास रहकर ही चैन मिलता है मुझे। मेरे लिए सुकून की पराकाष्ठा हो तुम। ©Pyare ji

#Sad_Status @Writer katha(कथा) @Ana pandey @R Ojha @Ashutosh Mishra

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