"जिस देश के सादालौह इंसान ;
वादों पे ही टाले जातें हों,
उस देश के हर एक लीडर पर ;
सवाल उठाना वाजिब है ;
उस देश के हर एक हाकिम को ,
सूली पे चढ़ाना लाज़िम है ।
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़"
जिस देश के सादालौह इंसान ;
वादों पे ही टाले जातें हों,
उस देश के हर एक लीडर पर ;
सवाल उठाना वाजिब है ;
उस देश के हर एक हाकिम को ,
सूली पे चढ़ाना लाज़िम है ।
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़