प्रारंभ हो अच्छा तो पर्वत की चोटी सच्ची लगती है , | हिंदी Poetry

"प्रारंभ हो अच्छा तो पर्वत की चोटी सच्ची लगती है , आंधी तूफानों के संग चक्रव्यूह तोड़ा नहीं जाता। बातों के संग इम्तिहानों की रहमत अच्छी लगती है , तभी तो अल्फाजों को तराजू मे तोला नहीं जाता। - आचमन चित्रांशी ©Achman Chitranshi"

 प्रारंभ हो अच्छा तो पर्वत की चोटी सच्ची लगती है ,
आंधी तूफानों के संग चक्रव्यूह तोड़ा नहीं जाता।
बातों के संग इम्तिहानों की रहमत अच्छी लगती है ,
तभी तो अल्फाजों को तराजू मे तोला नहीं जाता।

 - आचमन चित्रांशी

©Achman Chitranshi

प्रारंभ हो अच्छा तो पर्वत की चोटी सच्ची लगती है , आंधी तूफानों के संग चक्रव्यूह तोड़ा नहीं जाता। बातों के संग इम्तिहानों की रहमत अच्छी लगती है , तभी तो अल्फाजों को तराजू मे तोला नहीं जाता। - आचमन चित्रांशी ©Achman Chitranshi

#SunSet #Shayari #Poet #poem

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