प्रेम! वो बेवजह तेरे दरवाजे पर ताले लगाते रहे। और | English Quotes
"प्रेम! वो बेवजह तेरे दरवाजे पर ताले लगाते रहे।
और दीवार अपने उम्र के साथ रास्ते दिखाते रहे।
ताले की बदनामी से शायद वो वाकिफ नहीं इश्क!
अब दरवाजे को भी दोष देना मुनासिफ नहीं इश्क!
✍️Pc..."
प्रेम! वो बेवजह तेरे दरवाजे पर ताले लगाते रहे।
और दीवार अपने उम्र के साथ रास्ते दिखाते रहे।
ताले की बदनामी से शायद वो वाकिफ नहीं इश्क!
अब दरवाजे को भी दोष देना मुनासिफ नहीं इश्क!
✍️Pc...