क़िस्मत से कैसे लड़ते हम जब अपनों की गद्दारी थी क़ | हिंदी शायरी Video

"क़िस्मत से कैसे लड़ते हम जब अपनों की गद्दारी थी क़स्ति में था सुराग हमारे ये माझी की मक्कारी थी देखकर ग़म ए हालात हमारे समन्दर ने भी दिया रास्ता हम करें भी तो क्या ए साहेब हमे साहिल पर डुबोने की तैयारी थी साहेब अलीगढ़ी। ।। 10/05/2023 ©साहेब अलीगढ़ी ।।। "

क़िस्मत से कैसे लड़ते हम जब अपनों की गद्दारी थी क़स्ति में था सुराग हमारे ये माझी की मक्कारी थी देखकर ग़म ए हालात हमारे समन्दर ने भी दिया रास्ता हम करें भी तो क्या ए साहेब हमे साहिल पर डुबोने की तैयारी थी साहेब अलीगढ़ी। ।। 10/05/2023 ©साहेब अलीगढ़ी ।।।

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