प्रेम के रुप हैं सहस्र, बस भूमिका सबकी अलग है। उन् | हिंदी Quotes

"प्रेम के रुप हैं सहस्र, बस भूमिका सबकी अलग है। उन्हीं सहस्त्र रुपों में से एक भाई-बहन का स्नेह भी है। ज़रूरी नहीं कि हमेशा भाई ही बहन की रक्षा करे अपितु बहन भी भाई की रक्षा कर सकती है। ज़रूरी ये भी नहीं कि भाई बहन के साथ हमेशा उपस्थित रहे, मगर बहनों को स्वावलंबी बनाने में उसका सहयोग अनिवार्य है। यह सबसे महत्वपूर्ण है और यही रक्षाबंधन का मूल्य सिद्धांत भी है। आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ! ©Anu Chatterjee"

 प्रेम के रुप हैं सहस्र, बस भूमिका सबकी अलग है। उन्हीं सहस्त्र रुपों में से एक भाई-बहन का स्नेह भी है। ज़रूरी नहीं कि हमेशा भाई ही बहन की रक्षा करे अपितु बहन भी भाई की रक्षा कर  सकती है। ज़रूरी ये भी नहीं कि भाई बहन के साथ हमेशा  उपस्थित रहे, मगर बहनों को स्वावलंबी बनाने में उसका सहयोग अनिवार्य है। यह सबसे महत्वपूर्ण है और यही रक्षाबंधन का मूल्य सिद्धांत भी है। 

आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ!

©Anu Chatterjee

प्रेम के रुप हैं सहस्र, बस भूमिका सबकी अलग है। उन्हीं सहस्त्र रुपों में से एक भाई-बहन का स्नेह भी है। ज़रूरी नहीं कि हमेशा भाई ही बहन की रक्षा करे अपितु बहन भी भाई की रक्षा कर सकती है। ज़रूरी ये भी नहीं कि भाई बहन के साथ हमेशा उपस्थित रहे, मगर बहनों को स्वावलंबी बनाने में उसका सहयोग अनिवार्य है। यह सबसे महत्वपूर्ण है और यही रक्षाबंधन का मूल्य सिद्धांत भी है। आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ! ©Anu Chatterjee

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