तुम्हारा पहली बार मिलना अच्छा लगा था।
तुमको पहली बार छुना अच्छा लगा था।
तुमको जन्म दिन में मन्दिर पर सिंदूर लगाना अच्छा लगा था ।
और आज भी
तुमको रूठने पर मनाना अच्छा लगता है ।
तुम्हारा गुस्से में चिल्लाना अच्छा लगता है ।
तुम्हारा लतखोर कह के मुस्कुराना अच्छा लगता है।
तुमको प्यार करते टाइम मना करना अच्छा लगता है।
तुम्हारा किसी दुकान में घुस कर लूट पाट करना अच्छा लगता है।
तुम्हरी बाहो में सोना अच्छा लगता है।
जाते समय मिरर के सामने फोटोज खिंचना अच्छा लगता है।
तुम्हारा रेस्टोरेन्ट में पहुचते टिफ़िन ख़तम करना अच्छा लगता है।
तुम्हारी उम्र बेशक बड़ी होगी मग़र दिल आज भी बच्चा लगता हैं।
©Punit Raय
#tereliye