एक न एक दिन तो मिट जाएंगे दो दिलों के फासले।
कभी न कभी तो बढ़ जाएंगे दो दिलों के हौसले।
तुम नहीं तो जिन्दगी बेकार जिन्दगी।
अगर न मिल सके तो इश्क के होंगे वादे खोखले।
शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव
शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी तुम नहीं तो जिन्दगी बेकार जिन्दगी।