White मुझे आज भी याद है ज़ब ईश्वर ने मेरा
निर्माण कर पत्थर की तरह उछाल कर संसार सागर मे फैका था तों
मैंने इस सागर मे अनगिनीत घेरे बनाये थे. और ज़ब मैं थक कर संसार सागर की तालहटी मे पंहुचा तों मुझेएक अपूर्व सुकून का अहसास हुआ था मैं सौभाग्यशाली हू कि .... मैं आज भी उस तलहटी मे विश्राम कर रहा हू
©Parasram Arora
संसार सागर