शाम होते ही घर याद आता है
कभी थक जाती हूं मैं बहुत
तब अपना घर याद आता है
जब अकेली होती हूं
तब अपना घर याद आता है
जब मुंह फेर लेते हैं अपने ही
तब घर याद आता है
बुजुर्ग दिखे जो कोई
तब दादी दादा का प्यार याद आता है
लगे जो चकाचौध बाजार में
तो हर त्यौहार याद आता है
सच कहूं घर को याद कर
मुझे बहुत रोना आता है
मुझे अपना घर बहुत याद आता है
अकेले होने पर
सबका साथ याद आता है
©sohani
#bachpan