तुम्हारे साथ
चाँद की गोद पर बैठ
बादलों को पैर से छूना है
और फिर मुट्ठी भर बादल
भेंट करना है रेगिस्तान को
जिससे उनकी प्यास बुझे...!
तुम्हारे साथ
समेटने हैं सागर के किनारों से
सभी टूटे हुए सीप
सहेज लेना है एक एक पत्थर
सभी पर्वतों से...!
तुम्हारे साथ
बैठना है कई जन्म मुझे
बिना कुछ कहे
बिल्कुल चुप...!
तुम आओगे ना साथ मेरे ?
© Pooja Rai
#fullmoon