अब थक गया हूं
मैं तेरे के हजारों से...
चेहरा लिए हैं तेरा..
पर सादगी न ला पाया है कोई..
मेरे जहन में जो तू उतरी है..
वैसा दूजा न उतर पाया है कोई..
तू बेबस धुन हो गई है मेरी..
सरगम सी बसी है सांसों में तेरी
वादा है मेरा कि मैं रहूं न रहूं.
क्या कहेंगे लोग..ये न सोचूं कहीं
मेरी आवाज को तुमसे न खामोश कर पाया है कोई..
©Aur Kya Kahen
खामोश मेरी..#KhaamoshAwaaz #poetry #kavita #streak #nojotokavita # एक बार में समझ न आया तो..?