Unsplash आ रहा हूँ
आपको जगाने
सुकून भरे पलों से
उस गहरी नींद से
जो बहकाये है
मन अलसाये है
प्रकृति रस से
नैसर्गिक सौन्दर्य से
दूर करे है।
मैं भी तो जागा हूँ
सतत…
तुम भी जागो
मेरे संग-संग
चलो उस पथ पर
जिस पर रचनाकार का
तिलिस्म है अनोखा
आनन्द है चोखा।
©परिंदा
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