White अंगूठी के निशान को देखकर सोचता हूं वो लोग हम | हिंदी Sad

"White अंगूठी के निशान को देखकर सोचता हूं वो लोग हम राह थे हम सफ़र थे ही नहीं भीतर ही भीतर मुझे ये बात खाए जाती है उसके आंसू खुशी के थे ही नहीं जीते जी मर गए विदेशों की जेलों में जब वतन ने बताया ये सैनिक वतन के थे ही नहीं गाँव गया तो बुजुर्गों ने नहीं पहचाना बच्चों से सुनने में आया हम गांव के थे ही नहीं मर के जले तो मिट्टी ने बताया हम राख के थे मिट्टी के थे ही नहीं ©अनुज कार्तिक"

 White अंगूठी के निशान को देखकर सोचता हूं
वो लोग हम राह थे हम सफ़र थे ही नहीं

भीतर ही भीतर मुझे ये बात खाए जाती है
उसके आंसू खुशी के थे ही नहीं

जीते जी मर गए विदेशों की जेलों में
जब वतन ने बताया ये सैनिक वतन के थे ही नहीं
 
गाँव गया तो बुजुर्गों ने नहीं पहचाना 
बच्चों से सुनने में आया हम गांव के थे ही नहीं 

मर के जले तो मिट्टी ने बताया 
हम राख के थे मिट्टी के थे ही नहीं

©अनुज कार्तिक

White अंगूठी के निशान को देखकर सोचता हूं वो लोग हम राह थे हम सफ़र थे ही नहीं भीतर ही भीतर मुझे ये बात खाए जाती है उसके आंसू खुशी के थे ही नहीं जीते जी मर गए विदेशों की जेलों में जब वतन ने बताया ये सैनिक वतन के थे ही नहीं गाँव गया तो बुजुर्गों ने नहीं पहचाना बच्चों से सुनने में आया हम गांव के थे ही नहीं मर के जले तो मिट्टी ने बताया हम राख के थे मिट्टी के थे ही नहीं ©अनुज कार्तिक

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