White चांद का यूं अधूरे से पूर्ण, पूर्ण से फिर आधा होना
शुक्ल से कृष्ण, कृष्ण से फिर शुक्ल पक्ष की ओर आना
अमावस से पूर्णिमा, पूर्णिमा से फिर अमावस की ओर
कुच कर जाना
कुछ ऐसे सबक दे जाती है की, अधूरे रहकर भी पूर्ण
और पूर्ण होकर भी अधूरा जीना
यही तो जिन्दगी है, जो चांद से है हमने जाना।।
©Pinki Singh
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