हर एक फ़र्द को रक्खा नज़र के शाने पर फि | हिंदी Shayari Video

"हर एक फ़र्द को रक्खा नज़र के शाने पर फिर उस के बाद किए तबसिरे ज़माने पर सुना हैं सर जो उठेगा वो सर क़लम होगा हमें भी हर्ज नहीं अपना सर कटाने पर किया है तज़्करा सब एहल-ए-बज़्म का मैं ने बताओ कौन नहीं था मेरे निशाने पर अना के ज़ौम से बाहर निकाले कौन उसे कब आए होश भला उसके अब ठिकाने पर ख़तीब-ए-फि़क्र-ओ-फ़न-ए-ज़िन्दगी-ए-बेपरवाह किताब लिक्खेंगे मानी तेरे फ़साने पर . ©Mustafa Dhorajiwala 'Maani' "

हर एक फ़र्द को रक्खा नज़र के शाने पर फिर उस के बाद किए तबसिरे ज़माने पर सुना हैं सर जो उठेगा वो सर क़लम होगा हमें भी हर्ज नहीं अपना सर कटाने पर किया है तज़्करा सब एहल-ए-बज़्म का मैं ने बताओ कौन नहीं था मेरे निशाने पर अना के ज़ौम से बाहर निकाले कौन उसे कब आए होश भला उसके अब ठिकाने पर ख़तीब-ए-फि़क्र-ओ-फ़न-ए-ज़िन्दगी-ए-बेपरवाह किताब लिक्खेंगे मानी तेरे फ़साने पर . ©Mustafa Dhorajiwala 'Maani'

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