Unsplash बींच राह मे पहाड़ रुकावत बने तों उसे काट क | हिंदी Poetry

"Unsplash बींच राह मे पहाड़ रुकावत बने तों उसे काट कर राह को समत्ल बनाना कोई जुर्म नहीं हैँ ये ख्याल कितना सख्त था क्योंकि उस पहाड़ को काटना आसान भी नहीं था गहरी नींद के नशे ने गुम हैँ इस बसती के लोग जबकि एक अजनबी पहरेदार.की तरह भटक रहा था ©Parasram Arora"

 Unsplash बींच राह मे पहाड़ रुकावत बने तों उसे काट कर  राह को समत्ल बनाना कोई जुर्म नहीं हैँ 


ये ख्याल कितना सख्त था क्योंकि उस पहाड़ को काटना आसान भी नहीं था


गहरी नींद के नशे ने गुम हैँ इस बसती के लोग
 
जबकि एक अजनबी पहरेदार.की तरह भटक 
रहा था

©Parasram Arora

Unsplash बींच राह मे पहाड़ रुकावत बने तों उसे काट कर राह को समत्ल बनाना कोई जुर्म नहीं हैँ ये ख्याल कितना सख्त था क्योंकि उस पहाड़ को काटना आसान भी नहीं था गहरी नींद के नशे ने गुम हैँ इस बसती के लोग जबकि एक अजनबी पहरेदार.की तरह भटक रहा था ©Parasram Arora

# समत्ल राह

People who shared love close

More like this

Trending Topic