शब्द में सिवाय "मैं " के मुझसे कुछ लिखा ना गया, द

"शब्द में सिवाय "मैं " के मुझसे कुछ लिखा ना गया, दरवाजे पर खड़े थे सब रिश्ते ।। अहम इतना भी बड़ा कैसे हो सकता है, कोई अपनों की ही कतार में बूढ़े माँ बाप को पीछे छोड़ सकता है । ©Anu Verma"

 शब्द में सिवाय "मैं " के मुझसे कुछ लिखा ना गया, 
दरवाजे पर खड़े थे सब रिश्ते ।।
अहम इतना भी बड़ा कैसे हो सकता है, 
कोई अपनों की ही कतार में बूढ़े माँ बाप को पीछे छोड़ सकता है ।

©Anu Verma

शब्द में सिवाय "मैं " के मुझसे कुछ लिखा ना गया, दरवाजे पर खड़े थे सब रिश्ते ।। अहम इतना भी बड़ा कैसे हो सकता है, कोई अपनों की ही कतार में बूढ़े माँ बाप को पीछे छोड़ सकता है । ©Anu Verma

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