जब जब मैं मंदिर में जाता हूं, सच कहता हूं तुम्हे म | हिंदी Love

"जब जब मैं मंदिर में जाता हूं, सच कहता हूं तुम्हे मांग लाता हूं, गीत लिखता हूं तुम पर कई, मगर अक्सर अकेले में गाता हूं, काफ़िला चलता है यादों का साथ मेरे, फिर भी अक्सर,खुद को अकेला पाता हूं, तू खूबसूरत है कि नही अब ये मसला नहीं है, क्योंकि मां के बाद तेरे गोद में ही सुकून पाता हूं, बहुत सख्त हूं पर कुछ दाग है मुझमें, तू माथे को चूम लेती है,तो गंगा नहाता हूं, जब जब मैं मंदिर में जाता हूं, सच कहता हूं तुम्हे मांग लाता हूं ।। ~देववाणी by DSR ©Devraj singh rathore"

 जब जब मैं मंदिर में जाता हूं,
सच कहता हूं तुम्हे मांग लाता हूं,
गीत लिखता हूं तुम पर कई,
मगर अक्सर अकेले में गाता हूं,
काफ़िला चलता है यादों का साथ मेरे,
फिर भी अक्सर,खुद को अकेला पाता हूं,
तू खूबसूरत है कि नही अब ये मसला नहीं है,
क्योंकि मां के बाद तेरे गोद में ही सुकून पाता हूं,
बहुत सख्त हूं पर कुछ दाग है मुझमें,
तू माथे को चूम लेती है,तो गंगा नहाता हूं,
जब जब मैं मंदिर में जाता हूं,
सच कहता हूं तुम्हे मांग लाता हूं ।।
~देववाणी by DSR

©Devraj singh rathore

जब जब मैं मंदिर में जाता हूं, सच कहता हूं तुम्हे मांग लाता हूं, गीत लिखता हूं तुम पर कई, मगर अक्सर अकेले में गाता हूं, काफ़िला चलता है यादों का साथ मेरे, फिर भी अक्सर,खुद को अकेला पाता हूं, तू खूबसूरत है कि नही अब ये मसला नहीं है, क्योंकि मां के बाद तेरे गोद में ही सुकून पाता हूं, बहुत सख्त हूं पर कुछ दाग है मुझमें, तू माथे को चूम लेती है,तो गंगा नहाता हूं, जब जब मैं मंदिर में जाता हूं, सच कहता हूं तुम्हे मांग लाता हूं ।। ~देववाणी by DSR ©Devraj singh rathore

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