चलती रहेंगी महफिलें मेरे बिना भी मगर वो आवाज कहां से लाओगे,
चेहरे मिल जाएंगे हजार तुम्हे वो अंदाज कहां से लाओगे|
दुश्मन के काफिले में घुस कर दहाड़ना सिर्फ शेरों की कला होती है.............
सिपाही तो मिल भी जाएंगे तलाशने पर मगर वो जांबाज कहां से लाओगे ||
" मुसाफ़िर "(Ankur bhardwaj)......🖋️
A tribute to Major Mohit Sharma 🇮🇳
©' मुसाफ़िर '
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