तुम .......
तुम जो सबके लिए थी , क्यों तुम अब खुद के लिए भी नहीं हो
तुम थी जिसे बेहद पुराने किस्से पर ठहाके आते थे
तुम हो जिसे हंसाना नामुमकिन हो गया है
तुम जिससे सब बात किया करते थे
तुम जो अब खुद से बात तक नहीं करती
तुम जिसे रंगो से प्यार था
ये कौन तुम हो जिसे अंधेरा अच्छा लगता हैं
तुम जिसे चाहिए था कोई
क्यों अब तुम्हे कोई नही भाता
या फिर ये कह दूं की तुम वो तुम नही हो जिसे मैं जानता था मै
ये एक नया शक्श कौन है तुममें?
©pearlikA
#UskeHaath