देखता हूं मैं एक रोज ख़बर अख़बार में,
सालों के रिश्ते टूट जाते है, एक बार की तकरार में...//
कसमें वायदे होते है जन्मों जन्मों के,
लेकिन बिखर जाता हैं सब एक कागज के टुकड़े पर,
क्या यही होता है प्यार में....//
प्रेमिका फिर प्रेमिका बनी,
और एक लड़का, सरदार बन बैठा, पागलखानों का....//
अगर है नहीं उसे, भुलाने की दवा.....,
तो क्या फायदा इन दवाखानों का....//
©Molu Writer
#GreenLeaves part 2 #Moluwriter #moluwritershayari #moluwritershyari #moluwritershayri #Shaayari #Love #Heart