गुरमुख जन बताते हैं संत जनो का देखना सभ जगह ब्रम ह | हिंदी ਗਿਆਨ ਅਤੇ ਸਿ

"गुरमुख जन बताते हैं संत जनो का देखना सभ जगह ब्रम होता है यानी प्रकाश को ही वह देखते और निहारते हैं और संत जनो के हिरदे रूपी मन में सारे धर्म समा जाते यां कहो आ जाते हैं।। संत जन ही नाम रूपी जुगति दे कर मुक्ति का रास्ता दिखाते हैं और यह सेवा उन्हें खुद परमात्मा करने के लिये देते हैं।। गुरबाणी गुरु जी फरमान करते हैं," मुक्त भुगत जुगत तेरी सेवा जिस तू आप करायें।।" ©Biikrmjet Sing"

 गुरमुख जन बताते हैं संत जनो का देखना सभ जगह ब्रम होता है यानी प्रकाश को ही वह देखते और निहारते हैं और संत जनो के हिरदे रूपी मन में सारे धर्म समा जाते यां कहो आ जाते हैं।। संत जन ही नाम रूपी जुगति दे कर मुक्ति का रास्ता दिखाते हैं और यह सेवा उन्हें खुद परमात्मा करने के लिये देते हैं।। गुरबाणी गुरु जी फरमान करते हैं," मुक्त भुगत जुगत तेरी सेवा जिस तू आप करायें।।"

©Biikrmjet Sing

गुरमुख जन बताते हैं संत जनो का देखना सभ जगह ब्रम होता है यानी प्रकाश को ही वह देखते और निहारते हैं और संत जनो के हिरदे रूपी मन में सारे धर्म समा जाते यां कहो आ जाते हैं।। संत जन ही नाम रूपी जुगति दे कर मुक्ति का रास्ता दिखाते हैं और यह सेवा उन्हें खुद परमात्मा करने के लिये देते हैं।। गुरबाणी गुरु जी फरमान करते हैं," मुक्त भुगत जुगत तेरी सेवा जिस तू आप करायें।।" ©Biikrmjet Sing

#मुक्त_भुगत_जुगत_तेरी_सेवा_जिस_तू_आप_कराएं

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