रावण में यदि जो भय होता तो सिया हरण वो ना करता भय | हिंदी कविता

"रावण में यदि जो भय होता तो सिया हरण वो ना करता भय उसको होता भी किसका त्रिभुवन शरणागत था जिसका सिया हरण का स्वांग रचाया भव सागर जो पार लगाया ©Dhirendra Pandey"

 रावण में यदि जो भय होता 
तो सिया हरण वो ना करता
भय उसको होता भी किसका 
त्रिभुवन शरणागत था जिसका 
सिया हरण का स्वांग रचाया
भव सागर जो पार लगाया

©Dhirendra Pandey

रावण में यदि जो भय होता तो सिया हरण वो ना करता भय उसको होता भी किसका त्रिभुवन शरणागत था जिसका सिया हरण का स्वांग रचाया भव सागर जो पार लगाया ©Dhirendra Pandey

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