White कहां स्थिर अपना ठिकाना है
पंछी सा जीवन बस उड़ते जाना है
कभी इस नगरी कभी उस नगरी
बसाना एक आशियाना हैं
गहरी गलियों में ना दोस्त पुराना है
डरता है मन नए दोस्त नया जमाना है
कहां स्थिर अपना ठिकाना है
पंछी सा जीवन में बस उड़ते जाना है ,
कहीं मन मिले कहीं उलझनो का फसाना है
कट जाती है जिंदगी
दिल और दिमाग को समझना हैं
नफरतों की आंधियों से खुद को बचाना है
लोगों की उम्मीदो के चक्र से
ना ख़ुद के चक्र को घूमना हैं
कहां स्थिर अपना ठिकाना है
पंछी सा जीवन बस उड़ते जाना है
©kanchan Yadav
#sad_quotes