सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी है भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो...!
किसी के वास्ते राहें कहा बदलती हैं
तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो...!
यहां कोई किसी को रास्ता नहीं देता
मुझे गिरा कर अगर तुम संभाल सको तो चलो..!
कही नहीं कोई सूरज धुआं धुआं है फिज़ा
खुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो..!
यही है जिंदगी कुछ ख्वाब चंद उम्मीदें
इन्ही खिलौनो से तुम भी बहल सको तो चलो....!!!
©Pihu Siddharth
#lonely
#good_evening💓