White उस इश्क़ को क्या ही सर-ए-बाज़ार करें,
कर गए वो रुस्वा, क्या ही बदनाम करें।
ज़ख़्म भी तो चुन-चुन कर दिए हैं सोने पर,
किस-किस ज़ख़्म का अब इलाज करें।
इश्क़ की बारिश में उन्हें जी भर के चाहा,
तन्हा करने वालों पर क्या ही ऐतबार करें।
छेड़ने को हर एक क़िस्सा बचा है अब,
दिल के दर्द को क्या ही बेकरार करें।
©theABHAYSINGH_BIPIN
#love_shayari
उस इश्क़ को क्या ही सर-ए-बाज़ार करें,
कर गए वो मुझको रुस्वा, क्या ही बदनाम करें।
ज़ख़्म भी तो चुन-चुन कर दिए हैं सोने पर,
किस-किस ज़ख़्म का अब इलाज करें।
इश्क़ की बारिश में उन्हें जी भर के चाहा,