Meri Mati Mera Desh घर-घर की एक ही कहानी। पहले मां | हिंदी Poetry Vide

"Meri Mati Mera Desh घर-घर की एक ही कहानी। पहले मां बाप फिर मां बाप की कहानी। मुख्य किरदार में मां बाप होते हैं। घर का मुखिया घर का होते हैं। सबका सुनते हैं सबका करते हैं। सबकुछ पूरा सबका करते हैं। अपना केवल पेट भरते हैं। सबका सबकुछ पूरा पूरा करते हैं। अपने बारे में बहुत कम सोचते हैं। किसी को कुछ कम न हो, ये बात हरदम सम सोचते हैं। सब खुश रहे सबकुछ करें। मां-बाप ये बात हरदम सोचते हैं। बच्चे अपने अपने लिए जीने लगते हैं। बच्चे मां बाप को एक कोने में छोड़कर, दूध दही लस्सी पीने लगते हैं। लाज भी नहीं लगता है उनको। जिनके लिए मां बाप रात को दिन कर देते थे। वाह क्या जमाना आ गया है। मुख्य किरदार, किरायेदार हो गया है। चूकाता है एक एक चिज़ का किराया, रोटी, कपड़ा और खुद का मकान का किराया। ©Narendra kumar "

Meri Mati Mera Desh घर-घर की एक ही कहानी। पहले मां बाप फिर मां बाप की कहानी। मुख्य किरदार में मां बाप होते हैं। घर का मुखिया घर का होते हैं। सबका सुनते हैं सबका करते हैं। सबकुछ पूरा सबका करते हैं। अपना केवल पेट भरते हैं। सबका सबकुछ पूरा पूरा करते हैं। अपने बारे में बहुत कम सोचते हैं। किसी को कुछ कम न हो, ये बात हरदम सम सोचते हैं। सब खुश रहे सबकुछ करें। मां-बाप ये बात हरदम सोचते हैं। बच्चे अपने अपने लिए जीने लगते हैं। बच्चे मां बाप को एक कोने में छोड़कर, दूध दही लस्सी पीने लगते हैं। लाज भी नहीं लगता है उनको। जिनके लिए मां बाप रात को दिन कर देते थे। वाह क्या जमाना आ गया है। मुख्य किरदार, किरायेदार हो गया है। चूकाता है एक एक चिज़ का किराया, रोटी, कपड़ा और खुद का मकान का किराया। ©Narendra kumar

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