पल्लव की डायरी
बंधुआ मजूदरी को नॉकरी का नाम दे दिया
पेट और परिवारों को लात मारकर
पेशेवरों ने सन्डे और नब्बे घन्टे का
फरमान दे दिया
जिसके लिये कमाते है उसका प्यार ही छीन लिया
मानव को मशीन बनाकर
इतराने वालो,इन्ही की मेहनतों से
एम्पायर तुमने खड़ा कर लिया
राष्ट्रीय विकास में योगदान के नाम पर
गरीबो का कम्पनियो ने खून चूस लिया
पगार कितनी देते हो
घोषित मिनीमम वेतन है उस पर बहस कियो नही करते हो
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#Society घोषित मिनीमम वेतन है उस पर बहस कियो नही करते हो