भेटीसाठी डोळी | ओथंबले घन | मनात श्रावण | पेरलेला | मराठी कविता

"भेटीसाठी डोळी | ओथंबले घन | मनात श्रावण | पेरलेला ||१|| आतुरले मन | पाहताना वाट | भिजलेला काठ | मनाचा रे ||२|| श्वासांचा आवेग | उसासला जीव | लागे ना रे ठाव | काळजाचा ||३|| बरसल्या धारा | गंधाळली माती | शहारली पाती | चिंब ओली ||४|| गंधाळ गंधाळ | माळरान सारे | मखमली वारे | भोवताली ||५|| तरारली राने | चिंब ओली मने | रुजलेले गाणे | रानी वनी ||६|| अंकुरला कोंब | धरित्रीच्या पोटी | मोहरली सृष्टी | आनंदाने ||७|| पालव स्पर्शाने | आनंदी अंगण | नभाचे हे ऋण | कसे फेडू? ||८|| ©Archana Pol"

 भेटीसाठी डोळी | ओथंबले घन |
मनात श्रावण | पेरलेला  ||१||

आतुरले मन | पाहताना वाट | 
भिजलेला काठ | मनाचा रे ||२||

श्वासांचा आवेग | उसासला जीव |
लागे ना रे ठाव | काळजाचा ||३||

बरसल्या धारा | गंधाळली माती |
शहारली पाती | चिंब ओली ||४||

गंधाळ गंधाळ | माळरान सारे |
मखमली वारे | भोवताली ||५||

तरारली राने | चिंब ओली मने |
रुजलेले गाणे | रानी वनी ||६||

अंकुरला कोंब | धरित्रीच्या पोटी |
मोहरली सृष्टी | आनंदाने ||७||

पालव स्पर्शाने | आनंदी अंगण |
नभाचे हे ऋण | कसे फेडू? ||८||

©Archana Pol

भेटीसाठी डोळी | ओथंबले घन | मनात श्रावण | पेरलेला ||१|| आतुरले मन | पाहताना वाट | भिजलेला काठ | मनाचा रे ||२|| श्वासांचा आवेग | उसासला जीव | लागे ना रे ठाव | काळजाचा ||३|| बरसल्या धारा | गंधाळली माती | शहारली पाती | चिंब ओली ||४|| गंधाळ गंधाळ | माळरान सारे | मखमली वारे | भोवताली ||५|| तरारली राने | चिंब ओली मने | रुजलेले गाणे | रानी वनी ||६|| अंकुरला कोंब | धरित्रीच्या पोटी | मोहरली सृष्टी | आनंदाने ||७|| पालव स्पर्शाने | आनंदी अंगण | नभाचे हे ऋण | कसे फेडू? ||८|| ©Archana Pol

#ऋण

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