एक समय था जब हम बिना सोचे-समझे जितना मन,जहाॅ मन पे | हिंदी Quotes
"एक समय था जब हम बिना सोचे-समझे जितना मन,जहाॅ मन पेंसिल का भरपूर उपयोग किया करते थें,
सारें दाग तो बस् यू ही रबड् से मिटा करते थे !
आज तो इतना सोच-समझकर लिखना पडता है, कि पता नहीं ये स्याही के अधूरे निशान कहिं अपना न छोर दें !!"
एक समय था जब हम बिना सोचे-समझे जितना मन,जहाॅ मन पेंसिल का भरपूर उपयोग किया करते थें,
सारें दाग तो बस् यू ही रबड् से मिटा करते थे !
आज तो इतना सोच-समझकर लिखना पडता है, कि पता नहीं ये स्याही के अधूरे निशान कहिं अपना न छोर दें !!