सच कहूं वो घर बहुत याद आता है मुझे
जिसे बचपन से संवारती आई
कभी घर में खिलौने से कभी किताबों की ढेर से
खबर नहीं थी एक इतनी दूर ब्याह दी जाऊंगी
जहां से फिर वो घर लौटने में बरस लग जाएंगे
भला ये दर्द कौन समझे
कि मैं दिखलाती नहीं मगर
सच कहूं तो वो मेरा घर बहुत याद आता है मुझे
मेरे माता-पिता भी खामोश रहते कभी बुलाते नहीं मुझे
मैं तो फिर भी एक परिवार में हूं
मगर वे तो तन्हा है
रब से इतनी दुआ है उन दोनों को सेहत बख्शे
और खुदा उन्हें अपने सिवा किसी का मोहताज ना करे🙏🏼
©Priyanka Pandit (परी)
#ChaltiHawaa