green-leaves छोड़ रहे हैं हम अपने लिखने का हुनर या | हिंदी शायरी

"green-leaves छोड़ रहे हैं हम अपने लिखने का हुनर यारो अब से जीवन को जीना सीख लेंगे हम धीरे धीरे शब्दों से दूरी बढ़ा ली है हमने अब पूरी दुनिया से दूर हो जाएंगे हम ! कुलदीप सिंह रुहेला ©Poet Kuldeep Singh Ruhela"

 green-leaves छोड़ रहे हैं हम अपने लिखने का हुनर यारो 
अब से जीवन को जीना सीख लेंगे हम
धीरे धीरे शब्दों से दूरी बढ़ा ली है हमने 
अब पूरी दुनिया से दूर हो जाएंगे हम !


कुलदीप सिंह रुहेला

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

green-leaves छोड़ रहे हैं हम अपने लिखने का हुनर यारो अब से जीवन को जीना सीख लेंगे हम धीरे धीरे शब्दों से दूरी बढ़ा ली है हमने अब पूरी दुनिया से दूर हो जाएंगे हम ! कुलदीप सिंह रुहेला ©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#GreenLeaves छोड़ रहे हैं हम अपने लिखने का हुनर यारो
अब से जीवन को जीना सीख लेंगे हम
धीरे धीरे शब्दों से दूरी बढ़ा ली है हमने
अब पूरी दुनिया से दूर हो जाएंगे हम !


कुलदीप सिंह रुहेला

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