White जब तक न थी तन्हाई की ये गहरी रात अंधेरी ,
तब तक किसी ने महसूस किया नहीं, कि दोस्त अब दूर जाने गए।
दूरियों ने दिल को तोड़ा, फिर भी चुप रहे हम,
कभी खुद से भी ज्यादा, हम उनसे दूर जाने गए।
वो दिन भी आए जब रिश्तों के मायने बदल गए,
और अब उनकी यादें भी, हमसे दूर जाने गए।
अब तन्हाई में बसा है, सिर्फ उनका नाम,
जो कभी हमारे पास थे, अब वो दूर जाने गए।
अब न कोई साया है, न कोई अपना लगता है,
गुज़रते वक्त के साथ, दोस्त दूर जाने गए।
©नवनीत ठाकुर
#नवनीतठाकुर
जब तक न थी तन्हाई की ये गहरी अंधेरी रात,
तब तक किसी ने नहीं महसूस किया, कि दोस्त दूर जाने गए।
दूरियों ने दिल को तोड़ा, फिर भी चुप रहे हम,
कभी खुद से भी ज्यादा, हम उनसे दूर जाने गए।
वो दिन भी आए जब रिश्तों के मायने बदल गए,