सुना है हमनें मगर मालूम नहीं झूठ से हमारा कोई ताल | हिंदी शायरी

"सुना है हमनें मगर मालूम नहीं झूठ से हमारा कोई तालुक नहीं और एक दिन सच बोल दिया चौपाल पर इसीलिए गाँव में हमारा कोई वसूल नही हरे कृष्ण हरे हरे ©Roopsingh Doi"

 सुना है हमनें मगर मालूम नहीं 
झूठ से हमारा कोई तालुक नहीं 
और एक दिन सच बोल दिया चौपाल पर
इसीलिए गाँव में हमारा कोई वसूल नही
हरे कृष्ण हरे हरे

©Roopsingh Doi

सुना है हमनें मगर मालूम नहीं झूठ से हमारा कोई तालुक नहीं और एक दिन सच बोल दिया चौपाल पर इसीलिए गाँव में हमारा कोई वसूल नही हरे कृष्ण हरे हरे ©Roopsingh Doi

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