White फ़लक पे चढ़ के भी ज़मीं से वास्ता रखिए, ख़ुद | हिंदी कविता

"White फ़लक पे चढ़ के भी ज़मीं से वास्ता रखिए, ख़ुदा मिले न मिले दिल में रास्ता रखिए। नसीब आए न आए सब्र साथ में रखिए, हर एक मोड़ पे रौशनी से वास्ता रखिए। ना ग़ुरूर हो कोई उल्फ़ते जहां के राहों में वफ़ा की मिट्टी से ज़र्रे को अपना बना रखिए। ख़ुशी के पल भी गर ग़मो के साथ हो आएं, मुस्कुराहटों के ताज को फिर भी सजा रखिए। जो पा लिए उसे ही बस अपना समझ लीजिए, ख़ुदा के हुक्म को दिल से हर पल दबा रखिए। हर एक सांस का बस यहां, एहतराम ए वफ़ा कीजे खुदाई के वसूलों से चारगों को जला रखिए ज़माना कैसा भी हो ,राह पर निशान दिखेंगे इंसानियत का अलम, दिल में थमा रखिए। राजीव ©samandar Speaks"

 White फ़लक पे चढ़ के भी ज़मीं से वास्ता रखिए,
ख़ुदा मिले न मिले दिल में रास्ता रखिए।

नसीब आए न आए सब्र साथ में रखिए,
हर एक मोड़ पे रौशनी से वास्ता रखिए।

ना ग़ुरूर हो कोई उल्फ़ते जहां के राहों में 
वफ़ा की मिट्टी से ज़र्रे को अपना बना रखिए।

ख़ुशी के पल भी गर ग़मो के साथ हो आएं,
मुस्कुराहटों के ताज को फिर भी सजा रखिए।

जो पा लिए उसे ही बस अपना समझ लीजिए,
ख़ुदा के हुक्म को दिल से हर पल दबा रखिए।

हर एक सांस का बस यहां, एहतराम ए वफ़ा कीजे 
खुदाई के वसूलों से चारगों को जला रखिए 

ज़माना कैसा भी हो ,राह पर निशान दिखेंगे 
इंसानियत का अलम, दिल में थमा रखिए।
राजीव

©samandar Speaks

White फ़लक पे चढ़ के भी ज़मीं से वास्ता रखिए, ख़ुदा मिले न मिले दिल में रास्ता रखिए। नसीब आए न आए सब्र साथ में रखिए, हर एक मोड़ पे रौशनी से वास्ता रखिए। ना ग़ुरूर हो कोई उल्फ़ते जहां के राहों में वफ़ा की मिट्टी से ज़र्रे को अपना बना रखिए। ख़ुशी के पल भी गर ग़मो के साथ हो आएं, मुस्कुराहटों के ताज को फिर भी सजा रखिए। जो पा लिए उसे ही बस अपना समझ लीजिए, ख़ुदा के हुक्म को दिल से हर पल दबा रखिए। हर एक सांस का बस यहां, एहतराम ए वफ़ा कीजे खुदाई के वसूलों से चारगों को जला रखिए ज़माना कैसा भी हो ,राह पर निशान दिखेंगे इंसानियत का अलम, दिल में थमा रखिए। राजीव ©samandar Speaks

#sad_quotes @Radhey Ray @Satyaprem Upadhyay @Internet Jockey @Poonam bagadia "punit" @Samima Khatun

People who shared love close

More like this

Trending Topic